नारी
जो तुम्हें बयां कर सके नारी
वो शब्द कहा से लाऊ
जो तेरी परिभाषा को
एक शब्द में पीरों सके
वो शब्द कहा से लाऊ
तुम्हें सृष्टि कहूं में या
कहूं जीवन का आधार
तुम्हें समर्पण कहूं या
कहूं मेरी पहचान
वो शब्द कहा से लाऊ
तुम्हें विधाता की एक
खूबसरत रचना कहूं में
या कहूं स्वयं की रचियता
तुम्हें हृदय का हर्ष कहूं
या कहूं अपनत्व की मूरत
वो शब्द कहा से लाऊ
तुम्हें वेद कहूं में या
कहूं तुम्हें पुराण में
तुम्हें गीता कहूं में या
कहूं में तुम्हें पूरा ब्रह्माण्ड
जो तुम्हें बयां कर सके नारी
वो शब्द कहा से लाऊ
जया वैष्णव (जोधपुर)
(राजस्थान)