बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया घाट गाँव में 23 सितंबर 1908 को जन्में महाकवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने गद्य और पद्य दोनों ही विधाओं में श्रेष्ठ कार्य कर हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने में अपना... Read more
हिंदी में दिनकर-काव्य की राष्ट्रीयता अथवा राष्ट्रीय चेतना पर विद्वानों और शोधकर्ताओं ने विविध कोणों से प्रकाश डाला है। लेकिन इस राष्ट्रीय चेतना की आधारभूमि उनकी युग चेतना का मूल्यांकन कभी भी... Read more
“निज भाषा उन्नति अहै, सबै उन्नति को मूल। बिन निज भाषा ज्ञान के, उठत है हिय में शूल।। अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुण होत प्रवीन। पै निज भाषा ज्ञान बिन, रहे हीन के हीन।। ” जी हाँ यह... Read more
हिंदी भाषा ————————————- ज़बान(भाषा,Language) क्या है… मन में उठने वाले अच्छे-बुरे ख़्यालात,अहसासात, जानकारी, अं... Read more
भाषा भावों को अभिव्यक्त करने का एक माध्यम है।मनुष्य पशुओं से इसलिए श्रेष्ठ है क्योंकि उसके पास अभिव्यक्ति के लिए एक ऐसी भाषा होती है,जिसे लोग समझ सकते हैं। भाषा बौद्धिक क्षमता को अभिव्यक्त क... Read more
This year, as the world works through a new “normal”, Teamwork Arts, the producer of the iconic Jaipur Literature Festival, and the British Library, bring to you a virtual editio... Read more
हर लक्ष्य को साध कर समीक्षा कहती विजय से जीवन पूरा है ऊँची चोटी को प्राप्त कर अपेक्षा कहती जीवन अभी अधूरा है ! हर एक मंज़िल से आगे महत्वाकांक्षा की लंबी उड़ान भी है कहीं मैं ग... Read more
कविता “ क्यों नाहक मग़रूर हुआ “ साँझ की गोद में सूरज बैठा, सोचने को मजबूर हुआ । सारा दिन बेकार जला , आख़िर मैं किसका नूर हुआ।। अरे दूर गगन के पंछी, क्यूँ तूँ पाँख सिकोड़े बैठा है। ज़मीं ना... Read more
वक्त के साथ वो गलियां, वो दरवाज़े बदल जाते हैं | कहाँ ढूँढे कोई , यादों के घरों को, यह तो चेहरे -दर-चेहरे वक्त के साथ बदल जाते हैं| हर एक का, हर एक से, निश्चित है समय | बीते व... Read more
माही संदेश/ डॉ. गीता कौशिक-दिल्ली – – एक पुत्री के उद्गार पिता के लिए विगत 6 मार्च 2020 आमला एकादशी का दिन, प्रातः 4:00 बजे ब्रह्म मुहूर्त में, हिंदी जगत का एक सितारा अस्त हो गया... Read more
कोरोना कोविड-नाइंटीन अब कोरोना को हराना है नष्ट करना है समूल । ग्रहण कर संकल्प संयम सावधानी का त्रिशूल ।। सप्रेम अभिवादन करो नित युगल कर को जोड़ कर करो नमस्ते मुस्कुरा कर हाथ मिलाना छोड़कर ग... Read more
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन, अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा-कविता सम्मान घोषित ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन अमेरिका ने अपने प्रतिष्ठित अंतर्र... Read more
ऐ मालिक! आज तेरी दुनिया लाचार खड़ी सोच समझ सब बेकार पड़ी! गाड़ी मोटर रुकी सब दुनिया बंदपड़ी जिंदगी जहाँ तहाँ वहीं रुक पड़ी! ऐ मालिक! तेरे रूप रंग से मानव ने खिलवाड़ किया! उसके अहंकार को ए तूने बह... Read more
मुलाक़ात अचानक तुम आ जाओ इतनी गाड़ीयां चलतीं हैं इस देश में.. कहीं से भी आ सकतें हो मेरे पास… कुछ दिन रहेंगे साथ इस घर में तुम्हें देखने की सुनने की इच्छा है गहरी… कुछ दिन रहना ज... Read more
“मजदूर का बोझ” अच्छा सुनो…! बोझ उठाए हुए मजदूर को देखा है..! आधे शरीर से झुक जाता है.. खुद से कई गुना अधिक होता है, पीठ पर लदी बोरी का वजन। पर ये भार तो बस वो भार है, जो सं... Read more
बरतो एहतियात मत निकलना घर से बाहर देश-विदेश हैं खतरे में। बरतो एहतियात हरपल […] Read more
आप सभी को हनुमान जयंती की बधाई व शुभकामनाएं…. 🙏🏻 राधे गोविन्द🙏🏻 आज हनुमान जयंती के पावन पर्व पर आपको राष्ट्र भाषा हिंदी में स्वरचित हनुमान जी की प्रार्थना भेंट कर रहा हूँ… प्रतिद... Read more