भारतीय सिविल सेवा
भारतीय सिविल सेवा भारत सरकार की ओर से प्रदत्त नागरिक सेवा या स्थायी नौकरशाही है! भारत की संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों के साथ मिल कर यह नौकरशाही प्रशासन का संचालन करती है! मंत्रियों का कार्य नीति निर्धारण करना है जबकि इन नीतियों के सुचारु रूप से निर्वहन हेतु सिविल सेवकों की नियुक्ति की जाती है
वास्तविक रूप से कार्यकारी निर्णय को इन्ही सिविल सेवकों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है, सिविल सेवक असल में भारतीय संसद के नहीं वरन् भारत सरकार के कर्मचारी हैं जिनके पास कुछ पारंपरिक व संवैधानिक दायित्व भी होते हैं वरिष्ठ सिविल सेवक संसद के स्पष्टीकरण हेतु भी जिम्मेदार हो सकते हैं सिविल सेवा के अंतर्गत सरकारी मंत्री, संसद सदस्य, विधान सभा के स्थाई सदस्य, भारतीय सशस्त्र बलों व ग़ैर सिविल सेवा के पुलिस अधिकारियों को सम्मिलित नहीं किया जाता!
भारत में सिविल सेवा के वर्तमान ढाँचे का प्रारंभ लॉर्ड कार्न वालिस द्वारा किया गया था उन्हें भारत में सिविल सेवा सुधार का जनक माना जाता है उन्होंने ही सर्व प्रथम इन सेवाओं को पेशेवर सेवाओं में बदल कर ब्रिटिश साम्राज्य की नीतिओं को अमली जामा पहनाने का उपकरण बनाया 1857 में मैकाले समिति की सिफारिश के आधार पर सिविल सेवाओं में चयन हेतु प्रतियोगी परीक्षा को लागू किया गया प्रारंभ में इन सेवाओं को
आई सी एस के नाम से जाना जाता था इसकी परीक्षा लंदन में आयोजित की जाती थी तथा भर्ती योग्यता के आधार पर की जाती थी 1863 में सत्येंद्र नाथ टैगोर इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले प्रथम भारतीय बने बाद में आई सी एस का विलय कर आई ए एस व आई पी एस का गठन किया गया
1 अक्टूबर 1926 को लॉर्ड ली की अध्यक्षता में भारतीय संघ लोक सेवा आयोग का गठन किया गया जिसका मुख्य दायित्व भारत में सिविल सेवा भर्ती हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करना है सिविल सेवा कर्मचारियों का चयन लिखित व मौखिक परीक्षा के द्वारा किया जाता है
भारत में आधिकारिक तौर पर सिविल सेवा के महत्व पूर्ण पद आई ए एस, आई पी एस व आई एफ एस हैं
आधुनिक सिविल सेवा तंत्र एक प्रजातांत्रिक ढाँचे में कार्य करता है जिसका मुख्य उद्देश्य विकास, प्रगति व जन कल्याण से जुड़ा है
भारत में सर्वोच्च रैंकिंग का सिविल सेवक भारत के मंत्री मण्डल सचिवालय का प्रमुख होता है जो कैबिनेट सचिव कहलाता है यह भारतीय सिविल सेवा बोर्ड का पदेन अध्यक्ष भी होता है
सिविल सेवा के सदस्य केंद्र व राज्य सरकार में प्रशासक के रूप में, विदेशी दूतावासों, कर संग्राहक, राजस्व आयुक्त, सिविल सेवा कमीशन पुलिस अधिकारियों के रूप में, कार्य करते हैं
भारत में 21 अप्रेल को सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है इसे केंद्र व राज्य सरकारों के विभिन्न संगठनो में कार्यरत प्रशासनिक स्तर के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है
केंद्र व राज्यों के सभी उत्कृष्ट कर्मचारियों को प्रधान मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाता है, पुरस्कार में एक पदक, स्क्राल व एक लाख रु नकद दिए जाते हैं
यह दिन सिविल सेवकों को बदलते समय की चुनौतियों के साथ भविष्य के बारे में भी आत्म निरीक्षण करने का भी अवसर प्रदान करता है
कविता शर्मा
श्री गंगा नगर
राजस्थान