माही संदेश/ अनिरुद्ध भरतपुर की कलम से
एक वीरांगना, एक बेटी, एक मां और सबसे बढ़कर एक बेहतरीन प्रशासक श्रीमती सुमन देवी जी, निकट वर्तमान उपखंड अधिकारी, डीग आपकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है. यूं तो जीवन में बहुत से लोग आते हैं जिनसे हम प्रभावित होते हैं, आकर्षित होते हैं मगर जीवन में कुछ चंद लोग ही ऐसे होते हैं जो अपने त्याग, समर्पण और कठोर परिश्रम से ना केवल दिलों दिमाग पर अमिट छाप छोड़ देते हैं बल्कि जीवन भर उनकी कार्यशैली हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहती है, आप उन चंद लोगों में से हैं.
किसी ने सच ही कहा है खरा सोना और कमल चाहे कितने ही अंधेरे या कीचड़ में रहे उनकी चमक और सुंदरता लोगों के समक्ष आ ही जाती है.
ऐसा ही एक वाकया मेरे पिताजी के साथ हुआ जब वह बाढ़ राहत कार्यों को देखने के लिए प्रभारी जिले धौलपुर गए, धौलपुर के उपखंड बसेड़ी में 15 अक्टूबर 2019 को उन्होंने एक ऐसी महिला अधिकारी को देखा जो एक बेहतरीन प्रशासक होने के साथ-साथ संघर्ष और परिश्रम की उत्कृष्ट तालमेल का उदाहरण सबके समझ प्रस्तुत कर रही थी. बाढ़ के गंभीर हालातों से जूझती हुई, स्थानीय नागरिकों और आमजन के साथ-साथ उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ बेहतर तालमेल करने की आपकी क्षमता ने सभी को बहुत ही प्रभावित किया. यह वह क्षण था जिस समय उन्होंने ठान लिया कि डीग जेसे बड़े और ऐतिहासिक उपखंड के लिए आप से बेहतर कोई लोक सेवक नहीं हो सकता.

बाएं से दाएं – पर्यटन और देवस्थान मंत्री, विश्वेंद्र सिंह भरतपुर; कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट, भरतपुर, नाथमल डिडेल और निवर्तमान एसडीएम, भरतपुर, सुमन देवी
सभी के सम्मिलित प्रयासों के फलस्वरूप डीग उपखंड के उपखंड अधिकारी के रूप में आपकी नियुक्ति हुई तथा आपने 48वीं एवं पहली महिला उपखंड अधिकारी के रूप में डीग उपखंड का पदभार संभाला
पदभार संभालते ही आपने सरकार द्वारा चलाई जा रही जन-कल्याणकारी योजनाओं की क्रियान्विति के साथ योजनाओं पर गहनता से ध्यान देने और आमजन के साथ क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कर विकास की योजनाओं को गति देने को अपनी अहम जिम्मेदारी बताया साथ ही साथ उपखण्ड कार्यालय में यथावत जन-सुनवाई कर आमजन की जनसमस्याओं का शीघ्र ही निस्तारण अपनी पहली प्राथमिकता बताया।
आपने डीप उपखंड तथा कस्बे में अनेक कार्यों को एक चुनौती के रूप में लिया तथा उन्हें एक निर्धारित अवधि में पूर्ण करवायाl ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा क्षेत्र, डीग के सौंदर्यीकरण में आने वाले अतिक्रमण का नियमानुसार निस्तारण, ओलावृष्टि में किसानों को समय पर दिया गया मुआवजा आदी के साथ-साथ इस कोरोना जैसी भयंकर संक्रामक बीमारी से डीग वासियों के स्वास्थ्य की रक्षा करने में भी आपने बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान निभायाl
आपने शहीद दिवस के अवसर पर भावुक होते हुए कहा कि “मुझे गर्व है कि मेरे पति दुश्मन से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। अधिकारी के साथ एक पुत्र की मां होने के नाते अपने बेटे को सेना के लिए तैयार कर रही हूं। भारत वीरो की खान है। ऐसे कार्यक्रमों में शरीक होने पर खुद को गौरवान्वित महसूस करती हूं।” यह वह क्षण था जिस समय आपके व्यक्तित्व की एक नवीन पहलू के बारे में मुझे जानने का मौका मिला. वीर शहीदों के बारे में तो सभी चर्चा करते हैं लेकिन एक वीरांगना होना और अपने पुत्र को सेना के लिए समर्पित हेतु तैयार करना वाकई में एक गर्व की बात है यह सौभाग्य मातृभूमि कुछ सौभाग्यशाली लोगों को ही प्रदान करती है
कल रात जैसे ही मुझे आप के स्थानांतरण के बारे में जानकारी मिली तब थोड़ा दुख महसूस हुआ क्योंकि वाकई में डीग के लिए आप जैसे कुशल, सशक्त, संघर्षशील और मेहनती अधिकारी की बहुत ही जरूरत है. फिर भी स्थानांतरण अधिकारी और कर्मचारियों के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है इसमें ‘डीग की हानि और जयपुर का लाभ है’…इन्हीं शब्दों के साथ मैं आपके जीवन और सेवाकाल के दौरान नित नई ऊंचाइयां प्राप्त करने की दुआ करता हूं और आशा करता हूं कि आप जहां भी कार्य करें, अपने कार्य और लगन से आम नागरिकों के जीवन को बेहतर करने के सदैव प्रयास करती रहेंगी….