- राजस्थान सरकार, कला एवं संस्कृति विभाग और सेहर की प्रेरक डिजिटल प्रस्तुति
- लॉकडाउन के दौरान निस्वार्थ भाव से दिन रात मानव सेवा में जुटे अग्रणी कार्यकर्ताओं और चिकित्साकर्मियों को समर्पित
जयपुर, 15 अप्रेल। लॉकडाउन के चलते दायित्वबोध का परिचय देते हुए राजस्थान सरकार, कला एवं संस्कृति विभाग और सेहर ने गांधी जी की 150वीं जयंती पर अनूठी प्रेरक डिजिटल पहल की है। इसमें राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर जहां गांधी जी के आंदोलनों, भाषणों और प्रसंगों को दिखाया जा रहा है, वहीं इस संकट काल में यू ट्यूब पर देश के चुनिंदा दस शास्त्रीय गायकों की प्रेरक प्रस्तुतियां घरों में पहुंच लोगों को सुखद अहसास करवा रही हैं।
कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने बताया कि यह पेशकश कोरोना संकट के समय में निस्वार्थ भाव से प्राणिमात्र की सेवा में दिन-रात जुटे अग्रणी कार्यकर्ताओं और चिकित्साकर्मियों को समर्पित की गई है। जाहिर है, यह उनकी निष्ठा के प्रति आमजन और सरकार की तरफ से कृतज्ञता है।

गांधी आंदोलन और दर्शन-
राजस्थान सरकार की वेबसाइट http://www.gandhi150. rajasthan.gov.in पर आज़ादी के आंदोलन में गांधीजी की भूमिका को उकेरते हुए चम्पारण से लेकर अंग्रेजों भारत छोड़ो और सविनय अवज्ञा आन्दोलनों को दिखाया गया है। साथ ही, बापू के संबोधन और प्रेरक संदेशों को दिखाया जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधीजी के आदर्शों पर चलने का संदेश दिया है।संगीतमय प्रस्तुति – वैष्णव जन-
यूट्यूब पर देश के नामचीन दस शास्त्रीय गायक-गायिकाओं की ओर से अर्पित बापू, कबीर, संत ज्ञानेश्वर इत्यादि के भजनों की खूबसूरत वीडियो है, जो https://youtu.be/IXf_lL503-8 पर देखा जा सकता है। यह खासतौर से कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते कलाकारों ने सहयोग से घरों में बैठे लोगों और निस्वार्थ सेवा में जुटे कर्मियों को प्रेरित करने के लिए अर्पित की गई है।



इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति-
इस पेशकश में प्रसिद्ध गायकों विघ्नेश ईश्वर ने वैष्णव जन भजन, मधुप मुद्गल ने अंतर्नाद-ए साउंड विद इन और मंजूषा पाटिल कुलकर्णी ने संत ज्ञानेश्वर रचित संसार सुखाचा करिन की प्रस्तुति दी है। साथ ही, अंकुर तिवाड़ी ने जॉर्ज हैरिसन की रचना गोविंदा, भुवनेश कोमकली ने संत कबीर के भजन कुदरत की गत न्यारी भजन गाया है। इसी तरह संजीता भट्टाचार्य ने एकला चलो रे, सुधा रघुरमन ने भारत देश हिताय, पवित्रा चारि ने सुधा मुद्गल रचित साहिब हैं रंगरेज, राजा काले ने स्वरचित एवं संत कबीर के भजन गोविंद तू निरंजन तू तथा मीर मुख्तियार अली ने बताऊ ओ लेवण ने मौको कहां ढूंढे रे बन्दे की मनमोहक प्रस्तुति दी है।
कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने बताया कि यह पेशकश कोरोना संकट के समय में निस्वार्थ भाव से प्राणिमात्र की सेवा में दिन-रात जुटे अग्रणी कार्यकर्ताओं और चिकित्साकर्मियों को समर्पित की गई है। जाहिर है, यह उनकी निष्ठा के प्रति आमजन और सरकार की तरफ से कृतज्ञता है।

गांधी आंदोलन और दर्शन-
राजस्थान सरकार की वेबसाइट http://www.gandhi150.
यूट्यूब पर देश के नामचीन दस शास्त्रीय गायक-गायिकाओं की ओर से अर्पित बापू, कबीर, संत ज्ञानेश्वर इत्यादि के भजनों की खूबसूरत वीडियो है, जो https://youtu.be/IXf_lL503-8 पर देखा जा सकता है। यह खासतौर से कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते कलाकारों ने सहयोग से घरों में बैठे लोगों और निस्वार्थ सेवा में जुटे कर्मियों को प्रेरित करने के लिए अर्पित की गई है।



इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति-
इस पेशकश में प्रसिद्ध गायकों विघ्नेश ईश्वर ने वैष्णव जन भजन, मधुप मुद्गल ने अंतर्नाद-ए साउंड विद इन और मंजूषा पाटिल कुलकर्णी ने संत ज्ञानेश्वर रचित संसार सुखाचा करिन की प्रस्तुति दी है। साथ ही, अंकुर तिवाड़ी ने जॉर्ज हैरिसन की रचना गोविंदा, भुवनेश कोमकली ने संत कबीर के भजन कुदरत की गत न्यारी भजन गाया है। इसी तरह संजीता भट्टाचार्य ने एकला चलो रे, सुधा रघुरमन ने भारत देश हिताय, पवित्रा चारि ने सुधा मुद्गल रचित साहिब हैं रंगरेज, राजा काले ने स्वरचित एवं संत कबीर के भजन गोविंद तू निरंजन तू तथा मीर मुख्तियार अली ने बताऊ ओ लेवण ने मौको कहां ढूंढे रे बन्दे की मनमोहक प्रस्तुति दी है।
