- पेयजल प्रबंधन राज्य सरकार की प्राथमिकता में नहीं, राशि में की भारी कटौती: डॉ. सतीश पूनियां
- डॉ. सतीश पूनियां ने बीडी कल्ला को लिखा पत्र, कहा, पेयजल प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
आयुर्वेद चिकित्सालय वैकल्पिक तौर पर खुलें और आयुर्वेद की दुकानें भी खुलें: डॉ. सतीश पूनियां
आयुष को लेकर केन्द्र की एडवाइजरी पर विशेष ध्यान दे राज्य सरकार: डॉ. सतीश पूनियां
राजस्थान के इंटर्न चिकित्सकों का स्टाइपेंड बढ़ाये राज्य सरकार: डॉ. सतीश पूनियां - जयपुर, 30 अप्रैल।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने प्रदेश में उचित पेयजल प्रबंधन को लेकर जलदाय मंत्री श्री बीडी कल्ला और कोरोना संकट के समय में आयुर्वेद चिकित्सालयों को वैकल्पिक खोलने एवं आयुर्वेद चिकित्सकों को लेकर चिकित्सा मंत्री श्री रघु शर्मा को पत्र लिखा है।
प्रदेश में भीषण गर्मी को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार पर पेयजल प्रबंधन को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
डॉ. सतीश पूनियां ने पत्र में लिखा कि, प्रदेश में गर्मी का आगमन हो गया है ऐसे में कोरोना संकट से सामना करते हुए राज्य सरकार के समक्ष आमजन को पेयजल उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती है। पेयजल के बारे में प्रबंधन ज्यादा महत्व रखता है, लेकिन इसको लेकर राज्य सरकार अभी चेती नहीं हैं।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पूनियां का कहना है कि, उचित पेयजल प्रबंधन को लेकर संबंधित विभाग के मंत्री श्री बीडी कल्ला को पत्र लिखा है, राज्य सरकार की उदासीनता इसी बात से स्पष्ट हो जाती है कि पूर्ववर्ती सरकार ने साल 2018 में पेयजल के लिए 881.42 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, वर्तमान सरकार ने 2019 में 157.96 करोड़ और इस साल मार्च में 149.89 करोड़ की स्वीकृतियां पेयजल के लिए जारी की गई हैं, स्वीकृति राशि में भारी कटौती करना यह दर्शाता है कि पेयजल प्रबंधन राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य अभियंता को इस संबंध में 50 लाख रुपये तक की स्वीकृति के अधिकार दिये जाते हैं, लेकिन अभी तक इसकी स्वीकृति शेष है, फाइलों में अटकी हुई है।
उन्होंने कहा कि, मुख्य सचिव ने 27 मार्च को कलेक्टर्स को निर्देशित किया था कि वे अपने-अपने जिलों में पेयजल की मॉनिटरिंग करें, लेकिन इस समय पर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार से लेकर पटवारी, ग्राम सेवक तक कोरोना की मॉनिटरिंग एवं प्रबंधन में लगे हैं, ऐसे में ये सभी चुनौतीपूर्ण कार्य कैसे कर पाएंगे इसको लेकर सरकार ने कोई रोडमैप या कोई कार्ययोजना बनाई है क्या, इस बारे में सरकार स्पष्ट करे।
डॉ. पूनियां का कहना है कि प्रदेश में पेयजल की भीषणता को देखते हुए मैंने संबंधित मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि, इसको लेकर जरूरत है कि कोरोना संकट से निबटने के साथ-साथ, पेयजल के उचित प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जिससे भीषण गर्मी में पेयजल के संकट को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर पेयजल सप्लाई और प्रबंधन को सुनिश्चित किया जाए।
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने आयुष एवं इससे संबंधित आयुर्वेद को लेकर संबंधित विभाग के मंत्री श्री रघु शर्मा को पत्र लिखा है। डॉं. सतीश पूनियां का कहना है कि, केन्द्र सरकार की आयुष को लेकर जो एडवाइजरी है, जिसमें योग, प्रणायाम एवं पारंपरिक नुस्खे हैं, जिनसे इम्यूनिटि बढ़ती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, लेकिन यह प्रदेश सरकार के संज्ञान में नहीं है, आमजन के हित में राज्य सरकार इन सब बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि, जानकारी मिली है कि इस समय प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सालय बंद पड़े हैं, क्योंकि आयुर्वेद चिकित्सकों की ड्यूटी कोरोना से संबंधित अन्य कामों में लगी हुई है, ऐसे में जो लोग आयुर्वेद का उपचार लेते थे, उनके लिए परेशानी हो रही है, आयुर्वेद की दुकानें बंद हैं, ऐसे में आयुर्वेद का उपचार लेने वाले लोग दवाइयां भी नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद एवं आयुष को लेकर जारी की गई एडवाइजरी का पालन किया जाना चाहिए, इसका बेहतर उपयोग कर लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षतमा बढ़ाने में मदद मिलेगी, आयुष की एडवाइजरी तो हर इंसान की दिनचर्या की हिस्सा हो तो और भी अच्छा है। हमारी राज्य सरकार से मांग है कि आयुर्वेद चिकित्सालय वैकल्पिक तौर पर खुलें और आयुर्वेद की दुकानें खोली जायें।
ट्वीट कर डॉ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को अवगत कराया कि, राजस्थान के इंटर्न चिकित्सक भी कोरोना से युद्ध में प्रदेश में पूर्ण निष्ठा से “न्यूनतम मानदेय” पर सेवाएं दे रहे हैं, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से अनुरोध है कि अन्य प्रदेशों के अनुरूप इनका स्टाइपेंड बढ़ाया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर कि, कोई भी नागरिक भूखा ना रहे, इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में भाजपा की तरफ से जरूरतमंदों के लिए चलाई जा रही 600 से अधिक सामुदायिक किचनों की तरह आमेर विधानसभा क्षेत्र में भी सहयोग किचन के माध्यम से प्रतिदिन भोजन एवं राशन सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा रही है। गुरुवार को सहयोग किचन के जरिए आमेर के पीली की तलाई में जरूरतमंदों को भोजन सामग्री उपलब्ध करवाई गई।