देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीद भगत सिंह जी, राजगुरू जी और सुखदेव जी के शहादत दिवस पर शत् शत् नमन।
भगत सिंह की “जेल डायरी”किताब के पेज नं 124 पर लिखा है
“लोग धर्म द्वारा उत्पन्न झूठी खुशी से छुटकारा पाए बिना सच्ची खुशी हासिल नहीं कर सकते. यह मांग कि लोगों को इस भ्रम से मुक्त हो जाना चाहिए, उसका मतलब यह मांग है कि ऐसी स्थिति को त्याग देना चाहिए जिसमें भ्रम की जरूरत होती है.”
भगत सिंह जी, राजगुरू जी और सुखदेव जी आज देश की आजादी के लिए शहीद हुए, उन्हें आज के भारत के युवाओं की तरफ से बहुत सारा प्यार ❤
आज भगत सिंह को कैसे देखा जाता है !
रोज कोई ना कोई भगत सिंह को लेकर झूठ और भ्रांतियां फैलाते है, उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं की भगत सिंह क्या विचार रखते थे क्या सोचते थे बस जो वॉट्सअप यूनिर्विसिटी पर उन्हें मिला है वही सच मान बैठे है, क्योकी उन्होनें कभी भगत सिंह को पढ़ा ही नहीं !
भगत सिंह का ज़िक्र आते ही उनके सपनों के भारत की बात होने लगती है बात उनकी आजादी में दिए योगदान की होने लगती है !
आज भगत सिंह कैसे दिखते है युवाओं में, आज भगत सिंह टि-शर्ट जनरेशन के भगत सिंह बन गए है, भगत सिंह कार के शीशो पर नज़र आते है टि- शर्ट पर नज़र आते है, क्रान्तीकारी सेनाओं में नज़र आते है उनके नाम पर तोड़फोड़ होती है, गुस्से से अपशब्द प्रयोग किए जाते है, गंदी नजरों से देखा जाता है !
इस आज के माहौल ने भगत सिंह को लपेट लिया है भारत के इस बाजार में भगत सिंह को गलत तरिके से रखा गया है देश भक्ती के नाम पर भगत सिंह सस्ते हो गए है भगत सिंह के नाम पर अपनी खुद की विचारधारा थोपी जाने लगी है,
इंटरनेट के इस युग में राष्ट्रवाद को दिखाने के लिए एक फोटो की ज़रुरत होती है इसलिए भगत सिंह को इस उग्र राष्ट्रवाद में एक प्रतीक बना दिया गया है, भगवाधारी भगत सिंह की रंग दे बसंती टि-शर्ट पहन कर खुद को भगत सिंह के करीब लाने लगे है,
हिंसक विचारधारा को भगत सिंह के साथ मिलाने की कोशिश की जा रही है,
भगत सिंह क्या सोचते थे क्या बोलते थे ये समझना आज ज़रूरी नहीं समझते बस राष्ट्रवाद की हिंसक विचारधारा में भगत सिंह को अपना प्रतीक समझ लिया है,
भगत सिंह के बारे में पढेंगे तो समझेंगे की वो क्या विचार रखते है बात में, आज भगत सिंह को गौर से सुन ने की ज़रुरत है हर युवा को कि वो कितने प्रगतीशील थे कितना आगे का सोचते थे,
कुछ विचार जो भगत सिंह से मिलते है –
1) धर्म और राजनिति पर भगत सिंह कहते थे कि
“अगर धर्म को अलग कर दिया जाए तो राजनीति पर हम सब एक हो सकते है, धर्मो में हम चाहे अलग-अलग ही रहें ”
2) जब कोई सरकार की कोई आलोचना करता है और उस पर लोग भड़क उठते है उस पर भगत सिंह कहते है कि
“निष्टुर आलोचना और स्वतन्त्र विचार, ये क्रांतीकारी सोच के दो अहम लक्षण है ”
3) और क्रांतीकारी पर वो कहते थे कि
” बम और पिस्तौल से क्रान्ती नहीं आती, क्रान्ती की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है ”
4) कानून पर भगत सिंह कहते थे कि
“कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है, जब तक वो लोगों की इच्छा की अभीव्यक्ति करें ”
5) हिंसा पर भगत सिंह कहते थे कि
” हम लोगों की भांति विचारधारा रखने वाले अपनी निर्दोष जनता पर बम नहीं फेंका करते ”
6) भगत सिंह ने तो ईश्वर पर भी सवाल किया है
” मैं पूछता हूं, तुम्हारा सर्वशक्तिशाली ईश्वर हर व्यक्ति को क्यो नहीं उस समय रोकता है जब वह कोई पाप या अपराध कर रहा होता है ?”
अगर वास्तव में भगत सिंह को मानते हो और भगत सिंह क सपनों का भारत चाहते हो तो उन्हें तुम्हें गहराई से समझना होगा,
भगत सिंह के विचारों को याद करना होगा तब ही भगत सिंह के सपनों का भारत बना पाएंगें !
_राहुल चौधरी
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