मैं मैं हूं रक्त, मांस, मस्तिष्क, मन, भावों व विचारों से पूरित एक जीवित आकार मैं नहीं हूं चांद -सी सुंदर सूरज सी तेजोमय मेरी आंखों में नहीं है सागर सी गहराई न कोई झील है मेरी आंखों के... Read more
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