शिवजी ने सृष्टि के निर्माण कि ख़ातिर अर्दधनारेश्वर रूप लिया…
स्त्री के रूप में शिवा ने संसार की उत्पत्ति का भार लिया…
कई रिश्तों में बाँधा है उसने अपने वजूद को….
बहन, बेटी, पत्नी और माँ के रूप में ढाला है खुद को…
कभी त्याग की देवी , कभी ममता की छांव बनी…
कभी जीवन संगिनी और शक्ति का अंजाम बनी…..
वो भी चाहती है भरना अपने सपनों की उड़ान …
बदले में चाहती है सबसे बस थोड़ा सम्मान …

इससे आने वाली पीढ़ी भी पढ़ी लिखी हो जाती है….
#वीना मेहता