माही संदेश / डॉ. चन्द्रपाल शर्मा की कलम से….आज अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस है, भारतीय पौराणिकि के अनुसार लगभग पूर्ण सूर्य ग्रहण है, पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार पितृ दिवस है. एक साथ तीन पर्व हैं. योग संसार के लिए भारत की अनुपम देन है और संसार ने बड़े खुले मन से योग को अपनाया है. यह भारतीय संस्कृति का विश्व के लिए उपहार है. अब करना यह चाहिए कि यह योग दिवस घर घर में प्रतिदिन मनाया जाए.
इसके जबरदस्त लाभ हैं. रोग निरोधक क्षमता बढती है और बुढापा देर से आता है,
लम्बी उम्र की सम्भावना बनती है.आप कितने ही व्यस्त जीवन जी रहे हैं, योग के लिए कुछ समय अवश्य निकालें. भारतीय संस्कृति में प्रतिदिन पितृ पूजन किया जाता है वर्ष में एक दिन पाश्चात्य संस्कृति को बना रहे. ..भारतीय संस्कृति के आदर्श भगवान राम “प्रातकाल उठिके रघुनाथा, मात, पिता, गुरु नावहिं माथा.” हमें पितृ दिवस की वर्ष पर्यन्त व्यापकता का स्पष्ट कर गये हैं.
सूर्य ग्रहण खगोलीय घटना है किन्तु इसका सम्बन्ध ज्योतिष व नवग्रहों से भी है और आश्चर्य यह है कि जो बात खगोल विद बतायेगा वही बात और उससे भी कुछ अधिक मेरे देश के पंडित पंचाग की पुस्तक लेकर बता देते हैं. आज के तीनों अवसर हमें गर्व करने का अवसर प्रदान करने के लिए भी हैं. हमें सदैव इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम एक महान देश की सन्तान हैं…