पुलिस लाइन टोंक में पुलिस अधीक्षक श्री विकास सांगवान के तत्वावधान में “मिशन धड़कन” के अंतर्गत पुलिसकर्मियों के लिए सीपीआर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. सौरभ जैन एवं डॉ. राकेश गुर्जर ने 300 पुलिसकर्मियों को प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान किया।
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डॉ. सौरभ जैन ने बताया कि “द लैंसेट” में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक भारत में हर साल कार्डिएक अरेस्ट के कारण 5-6 लाख लोगों कि मृत्यु हो जाती है। कार्डिएक अरेस्ट होने पर तुरंत सीपीआर देकर लगभग 45% लोगों की जान बचाई जा सकती है। हालांकि गलत तरीके से या गलत समय पर दिया गया सीपीआर जोखिम भी पैदा कर सकता है। सहयोगी डॉ. राकेश गुर्जर ने बताया कि एक डॉक्टर की भांति एक सामान्य व्यक्ति भी किसी का जीवन बचा सकता है। कार्डिएक अरेस्ट के तुरंत बाद जितनी जल्दी सीपीआर दिया जाएगा उतनी ही बेहतर रिकवरी होगी। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छे-खासे नौजवान भी सडन कार्डिएक अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं। अतः आमजन एवं अन्य विभागों में भी सीपीआर जन-जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन करना अतिआवश्यक है।
कार्यशाला में पुलिस विभाग के आला अधिकारी पुलिस उप-अधीक्षक राजेश कुमार विद्यार्थी, पुलिस निरीक्षक विनोद कुमार, कोतवाली थाना अधिकारी भंवर लाल वैष्णव, पुरानी टोंक थाना अधिकारी नेमीचंद, उपनिरीक्षक रामलाल, प्रशिक्षु कांस्टेबल, समाजसेवी ब्रजेश परिड़वाल एवं अन्य उपस्थित रहे।