EDITORIAL (संपादकीय)

Rohit Krishna Nandan

नारी बंदनवार है, नारी संध्या दीप।।

अक्सर जीवन में ऐसे लम्हे भी आ जाते हैं  जब हमें लगता है कि वक्त हमारा साथ नहीं दे रहा। ऐसे समय एक नारी का माँ, पत्नी, बहिन,बेटी, मित्र रूप में साथ निभाना जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। माँ, पत्नी, बहिन, बेटी  आदि रूपों में नारी सदैव पुरूष का मार्ग प्रशस्त करती हुई आ रही है।
माही संदेश का मार्च 2023 अंक इस संसार की आधारशिला ‘नारी को समर्पित है। न केवल गृहणी बल्कि कामकाजी महिला के रूप में ‘नारी सामंजस्य बिठाकर घर को संभालने के साथ–साथ जीवन संवारने का दायित्व निभाती है, साथ ही यह अंक हम समर्पित करते हैं, माही संदेश परिवार के संस्थापक सदस्य स्व. डॉ. मदन लाल शर्मा जी को जिनकी 06 मार्च को पुण्यतिथि है। डॉ.मदन लाल शर्मा जी ने नारी महिमा पर आधारित ‘नारी रत्नम काव्य पुस्तक लिखने के साथ-साथ अनेकों रचनाओं व अपने उपन्यासों में नारी महिमा का उल्लेख किया है। उनकी पुण्यतिथि पर समस्त माही संदेश परिवार उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करता है।
कवयित्री गरिमा सक्सेना जी के लिखे दो दोहे मेरी स्मृति में उभर रहे हैं…
ख़ुशियों का गेरू लगा, रखती घर को लीप।
नारी रंग गुलाल है, दीवाली का दीप।।
ख़ुशियों को रखती सँजो, ज्यों मोती को सीप।
नारी बंदनवार है, नारी संध्या दीप।।
इस उम्मीद के साथ कि न केवल 8 मार्च बल्कि प्रत्येक दिवस हम नारी शक्ति का सम्मान करेंगे…
शेष फिर…

Rohit Krishan Nandan