जयपुर मिलिट्री स्टेशन में पूर्व सैनिक दिवस समारोह : राष्ट्र निर्माण में पूर्व सैनिकों का अहम है योगदान

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सप्त शक्ति कमांड ने 14 जनवरी 2025 को जयपुर मिलिट्री स्टेशन में “वेटरन्स डे 2025” का आयोजन किया।  इस कार्यक्रम के माध्यम से स्टेशन के सभी पदों ने पूर्व सैनिकों व वीर नारियों के बलिदान को सम्मानित किया।

      जयपुर के प्रेरणा स्थल पर राजस्थान के माननीय राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े और लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर,  सप्त शक्ति कमांड के द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की गई।  इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उनके द्वारा किए गए अमूल्य योगदान को याद कर उनकी सहराना की गई। सप्त शक्ति ऑडिटोरियम में हुए कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े और लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर,  सप्त शक्ति कमांड ने पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को सम्मानित किया।

      दरअसल, 14 जनवरी 1953 को भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ, फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा, ओबीई,  सैन्य सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्ही की याद में 2017 से यह दिन वेटरन्स डे के रूप में मनाया जाता है।

      कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने पूर्व सैनिकों के आभारी है जिन्होंने देश की सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। हमारे पूर्व सैनिकों ने 1947, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में बड़े ही साहस का प्रदर्शन किया। इसके आलावा, देश में आपातकालीन परिस्तिथियों में भी उनका भरपूर योगदान रहा है। राजस्थान के वीर सैनिकों का देश की सेवा में अहम योगदान है।     

      कार्यक्रम में सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने अपने संबोधन में राष्ट्र निर्माण में वेटरन्स और वीरनारियों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने शिक्षा, उद्योग, संचार और समाज के समग्र विकास के लिए वेटरन्स के बहुमूल्य योगदान को भी सराहा।  उन्होंने बताया की यह दिन हमें अपने वेटरन्स को श्रद्धांजलि देने और उनके बलिदानों को याद करने का अवसर प्रदान करता है।

      उनहोंने कहा, पूर्व सैनिकों ने राष्ट्र निर्माण में अपार योगदान दिया है।  सैन्य जीवन के अनुशासन और उच्चतम मूल्यों के साथ-साथ, पूर्व सैनिक समाज में समृद्ध परंपराओं, गौरवमयी इतिहास और अपूर्व वीरता का प्रतीक बनकर एक आदर्श के रूप में सामने आते हैं।  सप्त शक्ति कमान ने ‘ज्ञान शक्ति थिंक टैंक’ की स्थापना की है।  इसके माध्यम से पूर्व सैनिकों के अनुभव और विशेष  योग्यता का लाभ डिफेन्स व उद्योग सेक्टर की प्रगति में हो रहा है। वहीँ आज पूर्व सैनिक शिक्षा, संचार, स्वास्थ्य समेत कई क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनके प्रयासों को कई मौकों पर सम्मानित किया जाता है।

      सप्त शक्ति कमांड ने हमारे पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के कल्याण के लिए कई पहलों की शुरुआत की है। इसमें रोजगार मेलों, ईएसएम रैलियों और SPARSH आउटरीच कार्यक्रमों को शामिल किया गया है।  सतत मिलाप टीमें पूर्व सैनिकों और वीर नारियों से जुड़ी हुई हैं और बड़ी तादाद में समस्याओं का समाधान कर चुकी हैं।  वर्तमान दक्षिण पश्चिम कमान में चौदह सैनिक सहायता केंद्र कार्यरत हैं, जो फोन, इंटरनेट, एसएमएस के माध्यम से पूर्व सैनिकों से जुड़े हुए हैं। इन्होंने पिछले दो महीनों में 90% समस्याओं का समाधान किया है। पूर्व सैनिक कैंटीन, ईसीएचएस पोलिक्लिनिक्स और पेशेंट ट्रांजिट सुविधा की स्थापना जैसे प्रयास भी पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को सुविधा प्रदान करने के लिए किये गए है।

      समारोह का समापन सैनिक सम्मान भोज के साथ हुआ।


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