न्यू सांगानेर रोड़ सोडाला स्थित हॉटेल रॉयल अक्षयम में आयोजित नौ दिवसीय धारावाहिक प्रवचन श्रृंखला में प्रेम मंदिर वृंदावन धाम से छोटी काशी जयपुर पधारी श्रीधरी दीदी जी समस्त शास्त्रीय प्रमाणों, तर्कों एवं दैनिक उदाहरणों द्वारा जीव का स्वरूप एवं लक्ष्य, भगवान से जीव का संबंध, मानव देह का महत्व एवं क्षणभंगुरता, भगवत्कृपा, शरणागति, वैराग्य एवं संसार का स्वरूप, गुरुतत्व, रूपध्यान, कर्मयोग, ज्ञानयोग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डालते हुये भक्तियोग की उपादेयता सिद्ध करके शीघ्रातिशीघ्र लक्ष्य दिलाने वाली साधना का निरूपण करेंगी। इस नौ दिवसीय दिव्य प्रवचन श्रृंखला का आयोजन दिनाँक 22 जून 2024 से 30 जून 2024 तक प्रतिदिन साँय 6:00 से 8:00 बजे तक किया जायेगा।
श्रीधरी दीदी ने बताया कि यह देव दुर्लभ मानव देह सद्गुरु की शरणागति में भगवत्प्राप्ति के लिए ही भगवान ने अपनी अकारण करुणा से हमें प्रदान किया है लेकिन परलोक में सद्गति प्राप्त करने के लिए हमने अब तक कोई तैयारी नहीं की। हमारे हठी एवं अहंकारी मन ने जीवन की इस गोधूलि बेला में भी भीषण तम परिपूर्ण पथ पर चलते हुए कभी उस और दृष्टिपात नहीं किया जहां दिव्य ज्ञान ,दिव्य प्रेम एवं दिव्य आनंद की वर्षा हो रही है। वेदों के अनुसार केवल वास्तविक गुरु के पावन सानिध्य एवं शरणागति से ही जीव का अज्ञान अंधकार समाप्त हो सकेगा एवं जीव भगवतप्राप्ति की और अग्रसर हो सकेगा। इसी तथ्य को मस्तिक्ष में रखते हुए ही इस प्रवचन का आयोजन किया गया है। ये दिव्य प्रवचन श्रवण एक ऐसा दुर्लभ अवसर है जो श्रोताओं की आत्मा को तृप्ति प्रदान करेगा। इस प्रवचन का प्रारूप किसी भी प्रकार के आडंबर से रहित है।इस विकराल कलिकाल में अनेक अज्ञानी असंतो द्वारा ईश्वरप्राप्ति के अनेक मनगढ़ंत मार्गों, अनेकानेक साधनाओं का निरूपण सुनकर भोले भाले मनुष्य कोरे कर्मकाण्डादि में प्रवृत्त होकर भ्रान्त हो रहे हैं एवं अपने परम चरम लक्ष्य से और दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में विविध दर्शनों के विमर्श से अनिश्चय के कारण, व्याकुल एवं भटके हुये भवरोगियों के लिए पंचम मूल जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के प्रवचन अमृत औषधि के समान हैं।
संयोजक शरद गुप्ता ने बताया कि अपने सद्गुरुदेव के कृपा प्रसाद से ही उनकी विदुषी प्रचारिका सुश्री श्रीधरी जी उनके समस्त शास्त्रों, वेदों एवं अन्यान्य धर्मग्रन्थों के सार स्वरूप विलक्षण दार्शनिक सिद्धान्त “कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन” को अपने ओजस्वी धारावाहिक प्रवचनों के माध्यम से जन-जन में प्रचारित करते हुये जीवों को श्री राधाकृष्ण की निष्काम भक्ति की ओर प्रेरित कर रही हैं।