सुरक्षित बचपन के लिए स्पर्श वॉलिंटियर्स ने किया विद्यार्थियों से संवाद
स्पर्श अभियान के प्रणेता वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नवीन जैन के नेतृत्व में ‘सेटरडे फॉर सोसायटीÓ के अंतर्गत अप्रैल माह के प्रत्येक शनिवार को ‘सेफ पिंक सिटीÓ अभियान चलाया गया, जिसके तहत जयपुर स्थित निजी स्कूलों के 35000 बच्चों को सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श यानि ‘गुड टच बेड टचÓ के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। नवीन जैन ने बताया कि टच किस इमोशन के साथ किया जा रहा है, इसकी पहचान ‘सिक्स्थ सेंसÓ का इस्तेमाल करते हुए की जा सकती है।
गुड टच और बेड टच में भेद करने की क्षमता भगवान ने सभी को प्रदान की है। विगत 5 वर्षों से चलाये जा रहे इस अभियान के तहत राजस्थान के समस्त जिलों में अब तक 15 लाख से अधिक स्कूली बच्चे सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बारे में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
स्कूलों में विद्यार्थियों के साथ यौन दुराचार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन ऐसी घटनाओं की रोकथाम में मददगार साबित होगा।
बच्चों को Óबेड टचÓ का मुकाबला करते हुए खुद को सुरक्षित रखने के लिए Óनो-गो-टेलÓ थ्योरी की बारीकियां सिखाई जाती हैं। इस अभियान के तहत ‘स्पर्श वालिंटियर्सÓ द्वारा पिंक सिटी के विद्यार्थियों को अप्रैल माह के प्रत्येक शनिवार को सेशंस आयोजित कर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया जिसमें दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), सेंट एंसलम्स पिंकसिटी स्कूल, टीओलर स्कूल, द पैलेस स्कूल, रुक्मणी बिड़ला मॉडर्न हाई स्कूल, महाराजा सवाई भवानी सिंह स्कूल, सेंट एंजेला सोफिया स्कूल, रावत स्कूल, माहेश्वरी स्कूल आदि विद्यालय प्रमुख है। अभियान के सक्रिय सदस्यों के रुप में नवीन जैन (आईएएस), सुनीता जैन, मुकुल कविया, डॉ. सौरभ जैन, डॉ. रचना शर्मा, मीना अरुण, रोहित कृष्ण नंदन, डॉ. रीना व्यास, माला रोहित कृष्ण नंदन, नीरु नरुका, चंद्रिका बगरहट्टा, प्रतिभा कौशिक, डॉ. मुनमुन शर्मा, सौरभ असवाल, अकांक्षा जैन, सत्यवीर शेखावत, सोनिका शर्मा, अनिल श्रीवास्तव, राखी सोनी, रुचिर शर्मा, नीरु पाटोलिया, प्रिया दाधीच, प्रज्ञा श्रीवास्तव, जीतू दाधीच, डॉ. संकल्प कुलश्रेष्ठ, मोनिका लोधा, आरती मित्तल, बिंदु चौधरी, रोमा शर्मा, डॉ. अनिता खुराना, डॉ. प्रियंका चौहान, शिल्पी शाह, सुमन कुमावत, अक्षयपात्र फाउन्डेशन, कृपांक्षा गौड़, ए.के. शर्मा, अर्चना राठौड़, ललिता पारीक, शुचि कौशिक, सारिका चतुर्वेदी, महेश कुमावत एवं अन्य ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन्होंने विद्यार्थियों को जागरुक करते हुए टैक्नॉलॉजी के दुष्प्रभाव और अच्छे तथा बुरे स्पर्श के प्रति महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। वॉलिंटियर्स के सहयोग से चलाया जा रहा यह अभियान ‘चाइल्ड अब्यूजÓ की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, महाराष्ट्र) में भी अपनी पहुंच बना चुका है।