स्वास्थ्य सेवाओं की धुरी हैं नर्सेज

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सुरेश चंद्र

12 मई जन्मदिवस है ‘आधुनिक नर्सिंग सेवा की जन्मदात्री’ फ्लोरेंस नाइटेंगल का।जिन्होंने 1854 में हुए ‘क्रीमिया युध्द’ में विपरीत परिस्थितियों में घायल सैनिकों को नर्सिंग सेवा प्रदान की।रात्रि के समय जब युध्द रुक जाता था तब नाइटेंगल अपनी साथी नर्सेज के साथ मिलकर हाथ में लैंप लेकर घूम-घूम कर घायल और पीड़ित सैनिकों का उपचार करती थी।उनकी इसी सेवा भावना ने उन्हें “द लेडी विद द लैंप” के रूप में प्रसिद्धि दिलायी।उनके जन्मदिवस को दुनियाभर में ‘नर्सिंग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

‘नर्सिंग’ एक व्यापक शब्द है जिसके महत्व के बारे नाइटेंगल लिखती है कि – नर्सिंग का महत्व मात्र औषधियों की खुराक देने तक सीमित रखा गया है जबकि नर्सिंग में स्वच्छ हवा,प्रकाश,ऊष्मा,सफाई,शांति एवं उचित भोजन को भी महत्व प्रदान किया जाना चाहिए।

अगर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए दुनिया की प्रत्येक माँ अपने शिशु के लिए पहली नर्स की भूमिका निभाती आयी है।आधुनिक समय मे बढ़ती हुई बीमारियों और भाग दौड़ वाली जिंदगी में नर्स की भूमिका भी व्यापक हुई है।इंसान के जन्म से लेकर पूरे जीवन तक नर्स द्वारा सम्पूर्ण मनोयोग से प्रत्येक दर्द को दूर करने और स्वस्थ जीवन को प्रदान करने में भूमिका निभायी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग काउंसिल के अनुसार नर्सिंग का तात्पर्य व्यक्ति को उन सभी कार्यो को करने में सक्षम बनाना है जो उसके स्वास्थ्य की पुनः प्राप्ति में योगदान देती है एवं जिन कार्यों को वह शक्ति,ईच्छा तथा ज्ञान होने पर बिना किसी सहायता के पूर्ण कर सकता है।

नर्सेज वे लोग हैं जो माताओं, बच्चों एवं बीमारों की देखभाल के लिये अपना जीवन समर्पित कर देती है।जीवन भर प्रतिरक्षण,स्वास्थ्य मार्गदर्शन, बुजुर्गों की देखभाल और रोजमर्रा की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।नर्सेज की इन भूमिकाओं को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2020 को ‘इंटरनेशनल इयर ऑफ द नर्स एंड द मिडवाइफ’ घोषित किया।अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग काउंसिल ने वर्ष 2021 के लिए इस दिवस की थीम “ए वॉइस टू लीड – ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थकेयर” रखी है।

वर्तमान में कोविड महामारी के संकट में नर्सेज स्वास्थ्य सरंचना के नींव के पत्थर के रूप में पूरे स्वास्थ्य ढाँचे को अपने कंधों पर उठाए हुए खड़ी है।इतनी गर्मी में भी पीपीई किट को पहन,अपनी जान की परवाह किये बगैर दुनियाभर की नर्सेज फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में मरीजों की सेवा में दिन-रात जुटी हुई है।इस संकट की घड़ी में हम सभी का भी दायित्व बनता है कि हम इस नर्सिंग दिवस पर सभी नर्सेज के प्रति आभार व्यक्त करें, उनके कार्यों की सराहना करें।उन्हें उचित सम्मान प्रदान करें और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।
‘सर्वे संतु निरामया’ औ
12 मई जन्मदिवस है ‘आधुनिक नर्सिंग सेवा की जन्मदात्री’ फ्लोरेंस नाइटेंगल का।जिन्होंने 1854 में हुए ‘क्रीमिया युध्द’ में विपरीत परिस्थितियों में घायल सैनिकों को नर्सिंग सेवा प्रदान की।रात्रि के समय जब युध्द रुक जाता था तब नाइटेंगल अपनी साथी नर्सेज के साथ मिलकर हाथ में लैंप लेकर घूम-घूम कर घायल और पीड़ित सैनिकों का उपचार करती थी।उनकी इसी सेवा भावना ने उन्हें “द लेडी विद द लैंप” के रूप में प्रसिद्धि दिलायी।उनके जन्मदिवस को दुनियाभर में ‘नर्सिंग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
‘नर्सिंग’ एक व्यापक शब्द है जिसके महत्व के बारे नाइटेंगल लिखती है कि – नर्सिंग का महत्व मात्र औषधियों की खुराक देने तक सीमित रखा गया है जबकि नर्सिंग में स्वच्छ हवा,प्रकाश,ऊष्मा,सफाई,शांति एवं उचित भोजन को भी महत्व प्रदान किया जाना चाहिए।
अगर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए दुनिया की प्रत्येक माँ अपने शिशु के लिए पहली नर्स की भूमिका निभाती आयी है।आधुनिक समय मे बढ़ती हुई बीमारियों और भाग दौड़ वाली जिंदगी में नर्स की भूमिका भी व्यापक हुई है।इंसान के जन्म से लेकर पूरे जीवन तक नर्स द्वारा सम्पूर्ण मनोयोग से प्रत्येक दर्द को दूर करने और स्वस्थ जीवन को प्रदान करने में भूमिका निभायी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग काउंसिल के अनुसार नर्सिंग का तात्पर्य व्यक्ति को उन सभी कार्यो को करने में सक्षम बनाना है जो उसके स्वास्थ्य की पुनः प्राप्ति में योगदान देती है एवं जिन कार्यों को वह शक्ति,ईच्छा तथा ज्ञान होने पर बिना किसी सहायता के पूर्ण कर सकता है।
नर्सेज वे लोग हैं जो माताओं, बच्चों एवं बीमारों की देखभाल के लिये अपना जीवन समर्पित कर देती है।जीवन भर प्रतिरक्षण,स्वास्थ्य मार्गदर्शन, बुजुर्गों की देखभाल और रोजमर्रा की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।नर्सेज की इन भूमिकाओं को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2020 को ‘इंटरनेशनल इयर ऑफ द नर्स एंड द मिडवाइफ’ घोषित किया।अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग काउंसिल ने वर्ष 2021 के लिए इस दिवस की थीम “ए वॉइस टू लीड – ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थकेयर” रखी है।
वर्तमान में कोविड महामारी के संकट में नर्सेज स्वास्थ्य सरंचना के नींव के पत्थर के रूप में पूरे स्वास्थ्य ढाँचे को अपने कंधों पर उठाए हुए खड़ी है।इतनी गर्मी में भी पीपीई किट को पहन,अपनी जान की परवाह किये बगैर दुनियाभर की नर्सेज फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में मरीजों की सेवा में दिन-रात जुटी हुई है।इस संकट की घड़ी में हम सभी का भी दायित्व बनता है कि हम इस नर्सिंग दिवस पर सभी नर्सेज के प्रति आभार व्यक्त करें, उनके कार्यों की सराहना करें।उन्हें उचित सम्मान प्रदान करें और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।
‘सर्वे संतु निरामया’ और ‘हेल्थ फ़ॉर आल’ के लक्ष्य की मत्त्वपूर्ण धुरी सभी नर्सेज को इस दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।पूरी मानव जाति आज उनके प्रति आभारी है।
र ‘हेल्थ फ़ॉर आल’ के लक्ष्य की मत्त्वपूर्ण धुरी सभी नर्सेज को इस दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।पूरी मानव जाति आज उनके प्रति आभारी है।


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